वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संभावित रूप से गुरुवार, 13 फरवरी, 2025 को लोकसभा में नया Income Tax Bill 2025 प्रस्तुत कर सकती हैं। इस कदम से पहले, सरकार ने बुधवार को आयकर विधेयक का मसौदा जारी किया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य आयकर कानूनों को सरल बनाना है, जिसके लिए इसकी भाषा में कई परिवर्तन किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह है कि कर गणना के लिए ‘वित्तीय वर्ष’ या असेसमेंट वर्ष’ के बजाय ‘कर वर्ष’ शब्द का उपयोग किया जाएगा।
Income Tax Bill विधेयक में बताया गया है कि कौन-सी और किस तरह की इनकम को टैक्स कैलकुलेशन के समय टोटल इनकम का हिस्सा नहीं माना जाएगा. इसके लिए कई तरह के अलग नियम बनाए गए हैं.
कुल आय का हिस्सा नहीं मानी जाएगी ये इनकम
नए इनकम टैक्स बिल के Chapter-3 में बताया गया है कि कौन-कौन सी आय आपकी टोटल इनकम का हिस्सा नहीं मानी जाएगी.
विधेयक की अनुसूची-2,3, 4,5,6 और 7 में जो क्लॉज बनाए गए हैं, उन कैटेगरी में आने वाली इनकम को टैक्स का कैलकुलेशन करने के लिए टोटल इनकम का हिस्सा नहीं माना जाएगा. बल्कि ये अनुसूची में बताए गए नियमों के हिसाब से अलग-अलग कैलकुलेट होगी. इसमें खेती से आय, बीमा का आने वाला पैसा और PF से आने वाली इनकम इत्यादि शामिल है.
हालांकि इस विधेयक में बताया गया है कि अनुसूची में बताई गई कैटगरीज के लिए जो शर्तें तय की गई हैं अगर वह किसी टैक्स इयर में पूरी नहीं होती हैं, तो उन पर टैक्स का कैलकुलेशन फिर उस साल के टैक्स नियमों के हिसाब से ही लिया जाएगा.
आप को बता दे कि आने वाले समय मे केंद्र सरकार विधेयक की अनुसूची-2,3,4,5,6 और 7 के लिए नियम बना सकती है. उनके लिए नए नोटिफिकेशन जारी कर सकती है. वह इन अनुसूची में आने वाली अलग-अलग तरह की इनकम पर टैक्स की दर को परिभाषित भी कर सकती है.
राजनीतिक दल और इलेक्टोरल चैरिटी ट्रस्ट की आय को टोटल इनकम में शामिल नहीं किया जाएगा. किसी राजनीतिक दल या इलेक्टोरल ट्रस्ट की टोटल इनकम को कैलकुलेट करते वक्त विधेयक की अनुसूची-8 के नियम लागू होंगे.
अनुसूची-8 में बताया गया है कि राजनीतिक दलों को अपनी संपत्ति से आय, कैपिटल गेन इत्यादि का हिसाब-किताब रखना होगा. वह 20,000 रुपए की राशि से अधिक के अगर इलेक्टोरल बॉन्ड लेते हैं, तो उसका रिकॉर्ड रखना होगा. 2,000 रुपए से अधिक का डोनेशन वह नहीं ले सकते हैं, अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें इसका रिकॉर्ड रखना होगा.
भारतीय रिजर्व बैंक ने परिभाषित किए बॉन्ड्स से ही मतलब है ना कि इलेक्टोरल बॉन्ड से, जो भारतीय रिजर्व बैंक ने परिभाषित किए हैं. ये हाल में आई इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम से अलग है. नए बिल का ड्राफ्ट आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैं.